Topic: ashiqi | |
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सोमवार का दिन शहर की सड़के
बस स्टॉप पे खड़े कुछ लडकिया कुछ लड़के प्राइवेट बस ने ब्रेक मारे लड़के तो चढ़ गए सारे लडकिया रह गयी वही खड़ी भीड़ ज्यादा थी इसलिए नहीं चढ़ी एक लड़की ने हिम्मत दिखाई पिछले गेट में अपनी गर्दन फसाई कंडक्टर ने अपना मरदाना फ़र्ज़ निभाया अपनी सीट छोड़ के मैडम को बैठाया मैडम ने प्यार से थैंकू बोल दिया कंडक्टर ने जोश जोश में किराया भीनहींलिया दो चार बाते हुई यात्रा कट गयी कंडक्टर ने सोचा मैडम पट गयी मैडम ने इशारा किया बस ने ब्रेक लिया मैडम उतर गयी कंडक्टर ने ठिकाना देख लिया अगले दिन कंडक्टर नहा कर आया और एक बार फिर मैडम को अपनी सीट पर बैठाया सारा सप्ताह ऐसे ही गुजरा फिर रविवार हो गया मैडम की थी छुट्टी पर कंडक्टर को तो प्यार हो गया मगर मैडम तो सोमवार को भी नहीं आई सब जगह नजर मारी कही भी न दी दिखाई मंगलवार बुधवार और फिर गुरुवार हो गया मैडम नहीं आई कंडक्टर बेक़रार हो गया शुक्रवार को कंडक्टर की नजर मैडम पर पड़ी थी जब वो रोड के किनारे एक बाइक वाले के साथ कड़ी थी कंडक्टर और मैडम का साथ छुट गया बेचारे का दिल खटाक से टूट गया अब वो मैडम को बेवफा बताने लगा और बस में दुखभरे गाने बजने लगा मजनुओ जैसा अपना भेष बनाया और अपनी सीट के ऊपर एक स्टीकर लगाया "हम दिल के जले है दुनिया को जला देंगे जहा तेरी डोली उठेगी वहा समसान घाट बना देंगे" प्यार की आग में हाथ जरूर सेका होगा ऐसे आशिक को आपने भी देखा होगा अगर नहीं देखा है तो बताइयेगा दो दिन लगेंगे प्राइवेट बस में जाइयेगा |
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